पाकिस्‍तान को दोनों हाथों में कटोरा लेकर भीख मांगने से अच्‍छा है भारत के साथ संबंध सुधारे : पाकिस्तानी पूर्व विदेश मंत्री

पाकिस्‍तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्‍बानी खार ने पाकिस्‍तान के नेतृत्‍व पर कड़ी टिप्‍पणी की हैं। हिना ने कहा है कि पाकिस्‍तान को दोनों हाथों में कटोरा लेकर भीख मांगने से अच्‍छा है भारत के साथ संबंध सुधारने पर ध्‍यान लगाना चाहिए। हिना इसके साथ ही कहा कि बेहतर होगा कि अमेरिका का क्‍लाइंट बनने की जगह पाकिस्‍तान भारत समेत बाकी पड़ोसी देशों के साथ रिश्‍ते बेहतर करे। हिना ने पहली बार ऐसी टिप्‍पणी की हो, ऐसा नहीं है और उन्‍होंने इससे पहले भी कई बार इस तरह के बयान दिए हैं। हिना का यह बयान शनिवार को आयोजित थिंकफेस्‍ट के दौरान आया है। इस कार्यक्रम के दौरान हिना भारत-पाकिस्‍तान संबंधों पर बोल रही थीं।
हिना ने कहा कि पाकिस्‍तान हमेशा खुद की कल्‍पना एक स्‍ट्रैटेजिक पार्टनर के तौर पर करता है जबकि असलियत इससे कोसों दूर है। उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान भीख का कटोरा हाथ में लेकर दूसरे देशों से सम्‍मान की उम्‍मीद नहीं कर सकता है। हिना ने कहा, ‘अफगानिस्‍तान, भारत, ईरान और चीन जैसे पड़ोसी देशों के साथ पाकिस्‍तान के रिश्‍तों की अहमियत है न कि अमेरिका से।’ उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान को अफगान युद्ध से बाहर आना चाहिए। उनका कहना था कि अफगान वॉर में एक अग्रणी देश होने के बाद भी पाक को खासा नुकसान झेलना पड़ा है। अमेरिका ने पाकिस्‍तान को उन 54 देशों की लिस्‍ट में रखा था जिसके साथ उसकी व्यापारिक साझेदारी थी ले‍किन इसके बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ है।
हिना ने यहां पर इमरान खान की अगुवाई वाली पाक सरकार के उस बयान की तरफ भी इशारा किया जिसमें चीन की तरह आगे बढ़ने की बात कही गई थी। हिना ने कहा कि चीन ने लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है जबकि पाकिस्‍तान में इसका उलटा हो रहा है। हिना, पाकिस्‍तान की पहली महिला विदेश मंत्री रह चुकी हैं। वह साल 2011 से 2013 तक पाकिस्‍तान की विदेश मंत्री थीं। हिना ने एक बार कहा था, ‘भारत से लड़कर कश्मीर नहीं जीत सकता है पाकिस्तान।’ हिना का मानना था कि कश्‍मीर मुद्दे का हल आपसी विश्‍वास का माहौल बनाकर ही किया जा सकता है। हिना के मुताबिक आपसी बातचीत ही ऐसा एकमात्र रास्ता है जिससे आप अपने रिश्‍तों को बेहतर बना सकते हैं और आपसी विश्‍वास बरकरार रख सकते हैं।
उन्‍होंने कश्‍मीर को एक नाजुक मसला बताया था और कहा था कि तब तक इस पर बातचीत जारी रहनी चाहिए जब तक कि यह किसी नतीजे पर न पहुंच जाए।
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