भोपाल। मध्य प्रदेश में लंबे समय से राजनीतिक नियुक्तियों का
इंतजार हो रहा है। विधानसभा सत्र के बाद यह नियुक्तियां की जा सकती है।
सरकार ने अपेक्स बैंक के प्रशासक के पद पर अशोक सिंह को नियुक्त किया है।
इस नियुक्ति के साथ ही बड़े नेताओं के समर्थक नेता अपनी दावेदारी दिखाने लगे
हैं| सरकार अब सबसे पहले उन नेताओं को बड़े पदों की जिम्मेदारी सौंपेगी
जो काफी लंबे समय से नाराज़ चल रहे हैं। इसके लिए बड़े नेताओं के समर्थक भी
सक्रिय हो गए हैं|
दरअसल, कांग्रेस को सत्ता में बने रहने और खफा
विधायकों के बीत सामंजस्य बनाने के लिए राजनीतिक पदों से नवाज़ेगी। यह
नियुक्तियां विधानसभा सत्र के बाद की जाएंगी। बीजेपी लगातार कांग्रेस के
सत्ता से बेदखल होने का दावा कर रही है। सरकार को भी चिंता है कि कहीं
निर्दलीय और अन्य पार्टी के विधायकों को बीजेपी अपने ओर करने में कामयाब न
हो जाए। इससे पहले कमलनाथ सरकार निर्दलीय और अन्य पार्टियों समेत नाराज़
विधायकों को मनाने के लिए निगम मंडल में सेट करना चाह रही है। वहीं इसमें
सभी गुटों को भी साधने की कोशिश की जायेगी|
निगम-मंडलों में
अन्य नियुक्तियां विधानसभा के मानसून सत्र के बाद होंगी। संगठन ने साफ कर
दिया है कि उन्हीं कार्यकर्ताओं को पद दिया जाएगा, जिन्होंने चुनाव में
पार्टी को जिताने में भूमिका निभाई है। इस संबंध में दिल्ली की ओर से पहले
ही सर्कुलर जारी हो चुका है। वहीं, प्रदेश प्रभारी रहे दीपक बावरिया ने
कार्यकर्ताओं को चिट्ठी भेजकर भरोसा दिलाया था कि जिन्होंने अपना काम
ईमानदारी से किया है, उन्हें ही मौका दिया जाएगा।
इनको मिल सकती है जिम्मेदारी
कमलनाथ
के लिए विधायकी छोड़ने वाले दीपक सक्सेना, चंद्रप्रभाष शेखर और प्रकाश जैन
पूर्व मंत्री रहे हैं। बटुक शंकर जोशी उज्जैन से पूर्व में विधायक रहे हैं।
नरेंद्र सलूजा, मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक
हैं। हेमंत बागदरे, राजकुमार खुराना, बलवीर सिंह, विनय बाकलीवाल, दिनेश
गुर्जर किसान प्रकोष्ठ के अध्यक्ष। विश्वमोहन दास, पूर्व विधायक नरेश
सर्राफ, जमुना मरावी, मोहम्मद सलीम। वहीं रामेश्वर नीखरा पूर्व सांसद हैं
और दिग्विजय समर्थक माने जाते हैं, दिग्विजय कोटे से राजेंद्र कुमार सिंह
पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष, पूर्व विधायक विनय शंकर दुबे, पूर्व सांसद
गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी, मानक अग्रवाल, नरेंद्र कुमार लाहोटी और नासिर
इस्लाम का नाम है| वहीं सिंधिया समर्थकों में इंदौर जिला कांग्रेस अध्यक्ष
प्रमोद टंडन, पूर्व विधायक सत्यनाराण पटेल, केके सिंह कालूखेड़ा, उज्जैन
से पूर्व विधायक रहे राजेंद्र भारती, सुनील शर्मा महामंत्री मध्यप्रदेश
कांग्रेस, पूर्व विधायक ब्रजेंद्र सिंह, योगेंद्र लुंबा, गजराम सिंह यादव
और पंकज चतुर्वेदी का नाम दौड़ में है| सुरेश पचोर खुद भी इस दौड़ में है,
वहीं उनके समर्थकों में से राजीव सिंह पीसीसी में महासचिव हैं। भोपाल शहर
जिलाध्यक्ष कैलाश मिश्रा, पूर्व महापौर सुनील सूद और भोपाल सेंट्रल को
ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन रह चुके सुभाष शुक्ला का नाम भी चर्चा में है|
Source -Mp Breaking
केंद्र सरकार ने बांग्लादेश से निष्कासित विवादित लेखिका तस्लीमा नसरीन (Taslima Nasreen) का रेजीडेंस परमिट (निवास अनुमति) एक साल के लिए बढ़ा दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय (Home Ministry) ने उनके आग्रह पर विचार करते हुए भारत में उनके निवास की अवधि जुलाई 2020 तक के लिए बढ़ा दी है. https://hs.news/writer-taslima-nasreen-resident-permit-extends-for-1-year/
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