अजाक्स महासम्मेलन भोपाल में 20 हजार से कम संख्या पर सिमटा, बीजेपी नेताओ को किसने क्या चुनोती दी पढ़े

भोपाल : मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में रविवार को भेल दशहरा मैदान में अजाक्स सम्मेलन कार्यक्रम हुआ। आरक्षण की मांग को लेकर अजाक्स के नेता व कार्यकर्ताओं यहाँ एकत्रित हुए। लेकिन जहाँ अजाक्स के संयुक्त मोर्चा ने कहा था कि सम्मेलन में 6 लाख की जनसंख्या शामिल होगी वहाँ मुश्किल से 15 से 20 हजार लोग ही शामिल हुए। इससे यही साबित होता है कि अजाक्स का ये सम्मेलन पूरी तरह फ्लॉप शो रहा। वही जहाँ अजाक्स के संयुक्त मोर्चा के द्वारा कहाँ गया था कि इसमें पिछड़ा वर्ग भी शामिल है सूत्रों की माने तो पिछड़ा वर्ग की संख्या 1%  रही।

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सम्मेलन को संबोधित करते हुए अजाक्स नेता जीवन पटेल ने कहा कि हम 15 फीसदी आरक्षण सवर्णो को देगे तो 85 फीसदी आबादी तो हमारी हैं हमारा हक क्यों मार रहे हैं।
वही जगदीश सूर्यवंशी का कहना था कि हम भीख की तरह बहरी और गूंगी सरकार से अपना हक मांगते रहे हैं, लेकिन अब ये जन सैलाब सरकार के विरोध और हमारे हित में है। इस सरकार को अब हम पलट देंगे।
अजाक्स नेताओं ने सम्मेलन में कार्यकताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार के लोग सुन लें, अब हम आपके दरवाजे नही आएंगे। मुख्यमंत्री शिवराज ने एससी एक्ट को कमजोर किया है। नेताओं का कहना है कि तमिलनाडु में 80 फीसदी आरक्षण हैं। हम 85 फीसदी है तो हमारा हक क्यों मार रहे हो। इस सरकार को हम दोबारा नहीं आने देगें।
अजाक्स सम्मेलन में महेंद्र पाटीदार ने एससी एसटी एक्ट का विरोध कर रहे सवर्ण समाज के लोगों का विरोध किया। महेंद्र पाटीदार ने कहा कि जितनी संख्या भारी उतनी दो हिस्सेदारी। अब सत्ता हम अपने हाथ में लेंगे। किसी सवर्ण को वोट नहीं देने को कहा।
वहीं अरविंद मचंदर ने कहा कि अब ये सरकार बदलना है। 60 सालों का हिसाब लेना है। शिवराज गिरगिट जैसा रंग बदल रहे हैं, अब हमें इन्हें अपना रंग बताना है। वक्त बदलाव का है।
दशहरा मैदान भेल में हुए इस अजाक्स सम्मेलन कार्यक्रम में अजाक्स नेताओं ने कहा कि मंत्री,विधायक तो क्या इन्हें पार्षद बनने लायक नही छोड़ेंगे।
मेहर समाज के राष्टीय अध्यक्ष जीपी मेहरा भी कार्यकताओं को संबोधित करते हुए कहा कि शोषण बहुत हुआ। सवर्ण हमेशा से आरक्षण खत्म करने की बात करते हैं। हमे सुरक्षा नही, अटैक करना है। अब किसी सवर्ण को वोट नहीं देना है। सवर्ण को अब हम बाहर करेंगे।
आदिवासी नेता जगन सोलंकी ने कहा कि ये क्रांति का समय है। जय आदिवासी, जय ओबीसी। हम एक है और अब संघर्ष का वक्त है। अब हम हमारे अधिकारों से छेड़छाड़ करने वालों को उखाड़ फेंकेंगे।
आदिवासी छात्र संगठन कार्यवाहक अध्यक्ष गौरव सल्लाम का कहना है कि आरक्षण हटाने की मांग क्यों, हमारे पास अभी आरक्षित पद ही नहीं है। अभी भी नौकरी नहीं मिल रही।
जब सपाक्स से बात की गई तो सपाक्स समाज अध्यक्ष के एल साहू ने कहा की हमने जन मानस से एक अपील की थी जिसका लोगों ने माना और सपाक्स का समर्थन किया। पिछड़ा वर्ग अजाक्स के सम्मेलन में शामिल नहीं हुआ।


उन्होंने कहा कि 2002 से आज तक और अभी भी अजाक्स वाले पदोन्नति में अराक्षण की मलाई खाते रहे और उन पर एक्ट्रोसिटी एक्ट के मामले दर्ज कराते रहे तब पिछड़ा वर्ग की सुध नहीं आई और आज जब पिछड़ा वर्ग सपाक्स के साथ जुड़ चुका है पिछड़ा वर्ग को साधने की कोशिश की जा रही है। लेकिन पिछड़ा वर्ग ने बिल्कुल भी समर्थन न देकर ये बता दिया कि वो अजाक्स के साथ कभी नहीं होगा।
जहाँ 23 तारीख में अजाक्स का कार्यक्रम हुआ वही 30 सितम्बर में अब सपाक्स संगठन भी राजधानी में प्रांतीय महाक्रांति रैली निकाल रहा हैं।


सपाक्स समाज अध्यक्ष के एल साहू के द्वारा की गई अपील...

हो गई है पीर पर्वत सी, पिघलनी चाहिए,
इस हिमालय से कोई गंगा निकालनी चाहिए

अन्य पिछड़ा वर्ग के साथियों से अपील :-
​​मैं डॉ. के. एल. साहू सामान्य, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक कल्याण समाज संस्था (सपाक्स समाज संस्था) का प्रांतीय अध्यक्ष हॅू तथा मैं अन्य पिछड़ा वर्ग से आता हॅू । मैं अन्य पिछड़ा वर्ग के साथियों के समक्ष निम्न तथ्य लाना चाहता हॅू:-


1.​एट्रोसिटी एक्ट में दर्ज होने वाले 100 प्रकरणों में से 80 प्रकरण ओ.बी.सी. वर्ग के परिवारों के विरूद्ध ही दर्ज होते हैं और ओ.बी.सी. वर्ग को इस एक्ट के समाप्त होने के बिना कोई राहत नहीं मिल सकती है। क्या अजाक्स इस एक्ट को समाप्त करने के लिये तैयार है ?

2.​सपाक्स समाज संस्था ओ.बी.सी. वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने के लिये संकल्पित है, किन्तु वर्तमान में एस.सी./एस.टी. वर्ग को 36 प्रतिशत का आरक्षण दिये जाने से यह संभव नहीं हो पा रहा है। सपाक्स की मांग है कि एस.सी./एस.टी. एवं ओ.बी.सी. को उनकी आबादी के प्रतिशत का आधा आरक्षण दिया जाये तथा शेष सामान्य वर्ग के गरीबों को मिले। क्या अजाक्स इस मांग को मानने के लिये तैयार है?

3.​पदोन्नति में आरक्षण की व्यवस्था संविधान में सिर्फ अनु.जाति. /जनजाति को है और अन्य पिछड़ा वर्ग को यह कभी नहीं मिल सकता है। सरकारें कोई भी घोषणा करें या इस पर अमल की बात करें यह व्यवस्था न्यायालय के समक्ष कभी नहीं टिक सकेगी।

4.​मैं यह भी बताना चाहता हॅू कि ओ.बी.सी. वर्ग में हम आरक्षण के लिए रूपये 8 लाख तक की वार्षिक आय होने पर ही पात्र रहते हैं। पूरे परिवार की समस्त स्त्रोतों से वार्षिक आय रूपये 8.00 लाख से अधिक होने पर हम सामान्य वर्ग की गिनती में आते हैं। क्या अनु.जाति./जनजाति के लोग जो पीढ़ियों से आरक्षण लेकर आभिजात्य हो चुके हैं, क्रीमीलेयर के लिये तैयार है?

5.​हम सभी हिन्दू हैं और हमारे देवी/देवता भगवान श्रीराम, बजरंगबली, मॉ दुर्गा, श्री गणेश जी आदि भगवानों की मूर्तियों को तस्वीरों को सरे राह जलाते हैं, थूकते हैं और हमारी धार्मिक भावनाओं को आहत करते हैं। क्या यह किसी भी सभ्य समाज का लक्षण है।

साथियों मैं आपको यह बताना चाहता हू कि सपाक्स समाज संस्था ने ​सामाजिक ​समरसता एवं जाति आधारित व्यवस्था को समाप्त करने की ​दिशा में एक जनआन्दोलन को खड़ा किया है। हमारी संस्था सामान्य ​पिछड़ा अल्संख्यक एवं एस.सी./एस.टी. वर्ग के गरीबों के हितों एवं ​उनके अधिकारों की रक्षा के लिये संघर्षरत है और आप सभी को भी ​उपरोक्त वास्तविकताओ को समझ कर आन्दोलन ​का साथ देना चाहिये।
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1 comments:

  1. https://www.facebook.com/Unite-for-india-Souhardya-275048279771859/

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